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Saturday, December 2, 2023

MS PowerPoint || USE of MS Power Point || MS Presentation || Powerpoint in Hindi

MS PowerPoint

MS PowerPoint को Microsoft द्वारा विकसित किया गया है, MS PowerPoint Microsoft Office का एक भाग है. नीचे MS PowerPoint 2007 की विंडो को दिखाया गया है MS PowerPoint की विंडो को कई भागों में बाँटा गया है. जिन्हे ऊपर चित्र में एक रेखा के माध्यम से नाम सहित दिखाया गया है. आइए MS PowerPoint की विंडो के प्रत्येक भाग को क्रम से जानते है.

3. Title Bar

Title bar MS PowerPoint विंडो का सबसे ऊपरी भाग है. इस बार पर MS PowerPoint मे बनाई गई फाइल के नाम को दिखाया जाता है. जब तक फाईल को रक्षित (save) नही किया जाएगा फाइल का नाम नही दिखाया जाता है और वहां “Presentation1” लिखा होता है.

जैसे ही हम फाइल को किसी नाम से रक्षित (save) करते है तब “Presentation1” के स्थान पर फाइल नाम दिखाया जाता है.

Title bar के दांये कोने में तीन बटन होते है. इन तीन बटन में पहला बटन “Minimize” होता है जिस पर क्लिक करने से Open Program Task Bar में आ जाता है. दूसरा बटन “Maximize or Restore down” होता है. यह बटन विंडो की Width को कम या ज्यादा करने का कार्य करता है. और तीसरा बटन “Close button” है, जो प्रोग्राम को बंद करने का कार्य करता है.

4. Ribbon

Ribbon MS PowerPoint विंडो का एक और भाग है. यह Menu Bar से नीचे होता है. इस पाठ मे दिखाई गई MS PowerPoint विंडो में लाल रंग का हिस्सा ही Ribbon है. इस भाग में MS PowerPoint tabs (जो विकल्प menu bar में होते है) के विकल्पों को दिखाया जाता है.

5. Menu Bar

Menu Bar MS PowerPoint में टाइटल बार के नीचे होती है. इसे Tab Bar भी बोल सकते है क्योंकि इन्हें अब टेब ही बोला जाता है. Menu Bar में कई विकल्प होते है और प्रत्येक की अपनी Ribbon होती है.

6. Status Bar

स्टेटस बार MS PowerPoint में टेक्स्ट एरिया के बिल्कुल नीचे होती है. इस बार में “Zoom Level” नामक टूल होता है, जिसकी सहायता से PowerPoint Slides को Zoom in तथा Zoom out किया जा सकता है. इसके अलावा भी बहुत से टूल इस बार में होते है जैसे; language, themes, Slide Number आदि.

7. Text Area

Text Area MS PowerPoint का सबसे मह्त्वपूर्ण भाग है. और यह MS PowerPoint विंडो का सबसे बडा तथा मध्य भाग होता है. MS PowerPoint में इसे Slides कहते है. इसी क्षेत्र मे Presentation Text को लिखा जाता है.


MS PowerPoint की विशेषताएं – Characteristics of PowerPoint in Hindi

#1 उपयोग में आसान

एम एस पावरपॉइंट टूल को आप अन्य ऑफिस टूल जैसे एम एस वर्ड तथा एम एस एक्सेल की भांति ही उपयोग में लें सकते है. बल्कि, यह इन दोनों टूल्स से ज्यादा सरल है.

आप कुछ ही घंटों की प्रक्टिस करने के बाद MS PowerPoint Basics सीख जाते हैं और धीरे-धीरे अभ्यास करने पर PowerPoint Advance Tutorials की मदद से एनिमेशन, ट्रांजिशन तथा स्पेशल इफेक्ट्स के जरिए अपनी प्रेजेंटेशन को विशेष तथा दमदार बनाना सीख सकते है.

साथ में आप साउंड जोडना, वीडियो क्लिप्स जोड़ना तथा एंटी एवं एग्जिट जैसे फीचर्स भी इस्तेमाल करना सीख जाते है.

#2 Office Suite का भाग

पावरपॉइंट एम एस ऑफिस सूइट का एक प्रमुख भाग है. जिसमें एम एस वर्ड, एक्सेल तथा वननोट के बाद पावरपॉइंट भी शामिल है. यह माइक्रोसॉफ्ट का सबसे बेसिक प्लान है. आप अन्य टूल्स का उपयोग करने के लिए दूसरा प्लान भी खरिद सकते है.

#3 भरोसेमंद और विश्वसनीय

पावरपॉइंट के साथ कम्प्यूटर की दुनिया का सरताज माइक्रोसॉफ्ट का हाथ है. इसलिए, भरोसा और विश्वास अपने आप साथ आता है.

आपको दुनिया भर में मौजूद सभी प्रेजेंटेशन टूल्स की खासियते इस प्रीमियम टूल में मिल जाएंगी. और कुछ समझ ना आए या फिर गड़बड़ लग रही है तो माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट 24 घंटे आपकी मदद के लिए तैयार होता है.

इसलिए, आप इस प्रेजेंटेशन टूल पर आंख मूंदकर भरोसा कर सकते है और अपने स्कूल तथा ऑफिस प्रेजेंटेशन तैयार करके अपनी प्रेजेंटेशन स्किल्स से दिल जीत सकते है.

#4 एनिमेशन टूल्स

एम एस पावरपॉइंट में बिल्ट-इन एनिमेशन टूल आता है. जिसकी सहायता से आप एलिमेंट्स पर विभिन्न एनिमेशन इफेक्ट्स लगाकर उन्हे मजेदार बना सकते है. जिन्हे देखते ही दर्शकों के मूंह से वाह! निकल आए.

यहां पर आपको Entry Animations, Exit Animations श्रेणी में एनिमेशन इफेक्ट्स मिल जाते है. यानि किसी एलिमेंट्स की एंट्री पर अगल एनिमेशन और एग्जिट पर अलग एनिमेशन लगाया जा सकता है.

#5 वीडियो बनाने की सुविधा

एम एस पावरपॉइंट के शुरुआती वर्जनों में वीडियो एक्सपोर्ट की सुविधा नही थी. लेकिन, बाद के वर्जनों में वीडियो सुविधा जोड़ दी गई है. जिसका फायदा यह हुआ है कि आप अपनी स्लाइड को एक वीडियो में बदल सकते है और उसे वीडियो के रूप में डाउनलोड करके विभिन्न वीडियो प्लैटफॉर्म्स जैसे यूट्यूब, टिकटॉक, फेसबुक वीडियो आदि पर शेयर कर सकते है.

#6 जॉब के लिए तैयार

पावरपॉइंट सीखने के बाद आप इसका उपयोग ना सिर्फ प्रेजेंटेशन बनाने के लिए करते है. यह टूल आपको जॉब भी दिला सकता है. आप जानते है कि यह टूल ऑफिस का एक भाग होता है. इसलिए, एम एस ऑफिस पेशेवरों की मांग बाजार में हमेशा बनी रहती है.

इसलिए, इसे टूल को हल्के में ना लें. बल्कि इसे पूरी लगन और मेहनत से सीखें ताकि जब आपको जॉब मिलें तो आप किसी का मूँह ताकते ना रहें.

पावरपॉइंट का उपयोग कहां होता है?

पावरपॉइंट टूल की गिनती प्रोडक्टिविटी, ऑफिस टूल तथा ग्राफिक्स टूल्स में होती है. इसलिए, पावरपॉइंट का उपयोग ऑफिस वर्क के साथ-साथ सरल एनिमेशन बनाने के लिए भी किया जाता है.

आप स्लाइट्स एडिट करने, जोडने, हटाने, पिक्चर जोड़ने, एनिमेशन जोड़ना-हटाना, ट्रांजिशन आदि के लिए पावरपॉइंट का इस्तेमाल कर सकते है. और प्रेजेंटेशन के अलावा वीडियो बनाने, हैण्डआउट्स तैयार करने, प्रेजेंटेशन नोट्स बनाने, वक्ता नोट्स बनाने जैसे प्रमुख कामों के लिए खूब किया जाता है.

ऑफिसों में अपनी परफॉर्मेंस दिखाने, फैक्ट्रीयों में नए टूल्स की जानकारी देने के लिए तथा उसकी असेम्बली प्रक्रिया समझाने के लिए भी पावरपॉइंट का इस्तेमाल होता है.

पावरपॉइंट कैसे सीखे – How to Learn PowerPoint in Hindi?

#1 कम्प्यूटर कोर्स करें

पावरपॉइंट सीखने का सबसे आसान और परंपरागत तरीका है किसी कम्प्यूटर इंस्टिट्यूट में जाकर बेसिक कम्प्यूटर कोर्स में एडमिशन लेकर कम्प्यूटर सीखना.

यहां पर आ कम्प्यूटर फंडामेंट्ल्स से लेकर एम एस ऑफिस भी सीख सकते है. इसके अलावा आप एडवांस कम्प्यूटर कोर्से जैसे ADC, PGDCA, BCA जैसे कोर्स भी कर सकते है.

यह कोर्स लंबे अवधि के होते है. लेकिन, आपको पूरा ज्ञान मिल जाता है और अन्य कम्प्यूटर स्किल्स भी सीखने का मौका मिलता है.

अन्य कम्प्यूटर कोर्सेस की जानकारी के लिए आप हमारी Best Computer Courses वाली पोस्ट पढ़ सकते है. जिसका लिंक नीचे दिया गया है.

इसे पढ़े – Best Computer Courser for Students – जो दिलाएंगे हाथोहाथ जॉब

#2 कम्प्यूटर किताबें खरीदें

अगर आप कोर्स नही करना चाहते है तो कम्प्यूटर किताबें आपके लिए उपयोगी साबित हो सकती है.

आज बाजार में सैंकड़ों कम्प्यूटर बुक्स उपलब्ध है. जिनके जरिए आप घर बैठे-बैठे एम एस पावरपॉइंट की ट्रैनिंग लें सकते है. इन किताबों को आप ऑनलाइन भी मंगवा सकते है.

#3 ऑनलाइन सीखें

इंटरनेट आने के बाद ज्ञान हथेली में समा गया है. आपको बस टाइप करना है या फिर बोलन है और आपके सामने दुनियाभर में मौजूद नॉलेज आ जाएगी.

यही चीज आप पावरपॉइंट सीखने के लिए भी अप्लाई कर सकते है और इंटरनेट पर मौजूद फ्री वेब ट्युटोरियल्स के जरिए ऑनलाइन पावरपॉइंट सीख सकते है.

नीचे आपके लिए कुछ वेबसाइट्स के नाम दिए गए है जिनके माध्यम से आप पावरपॉइंट सीख पाएंगे.

#4 ऑनलाइन कम्प्यूटर कोर्स करे

इस डिजिटल युग में पढ़ाई भी डिजिटल हो रही है. यानि ई-लर्निंग का दौर शुरु हो चुका है. आपको बस एक सर्च करने की देर है सैंकड़ों ऑनलाइन कोर्स आपको पावरपॉइंट सिखाने आ जाएंगे.

इन कोर्सेस से आप घर बैठे-बैठे आसानी से सस्ते दामों में पावरपॉइंट की ट्रैनिंग लें पाएंगे. आपको दिक्कत आने पर गाइडेंस भी दी जाती है और सपोर्ट भी प्रदान किया जाता है.

ऐसे बहुस सारे ऑनलाइन एजुकेशन पोर्टल है जहां पर पावरपॉइंट कोर्सेस करवाएं जाते है. नीचे कुछ लोकप्रिय पोर्टल्स के नाम दिए जा रहे है.

#5 पावरपॉइंट मदद का इस्तेमाल करें

अन्य सॉफ़्टवेयर की तरह पावरपॉइंट का भी हेल्प सेंटर होता है. जिसकी मदद से आप पावरपॉइंट की हर समस्या का निदान ढूँढ़ सकते है. यह सहायता फ्री होती है. जिसे आप कीबोर्ड से F1 फंक्शन की दबाकर एक्टिव कर सकते है.

यहां पर पावरपॉइंट से संबंधित बेसिक से लेकर एडवांस ट्युटोरियल्स सरल और समझने योग्य तरीके में उपलब्ध होते है. आप इनके जरिए भी पावरपॉइंट सीख सकते है.

आपने क्या सीखा?

इस Lesson में आपने जाना कि Microsoft PowerPoint क्या होता है. हमने इस Lesson में PowerPoint के बारे में सरल शब्दों में बताया है. हमे उम्मीद है कि यह Lesson आपके लिए उपयोगी साबित होगा.

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Thursday, November 30, 2023

What is Quick Access Toolbar || Uses of Quick access tool bar in hindi || Quick access toolbar in ms word || Quick access toolbar in MS office

Quick Access Toolbar in Hindi – Quick Access Toolbar को Microsoft के विभिन्न Text Editor Programs में दिया गया है. इसका मुख्य उद्देश्य बार-बार इस्तेमाल होने वाली Commands और Buttons को एक जगह पर Store करना है. Quick Access Toolbar में Add Commands Tab से अलग कार्य करती हैं. इनका किसी Tab से कोई संबंध नही होता है. आप इसे Notepad को छोडकर Microsoft Office के MS Word, MS Excel, MS PowerPoint, WordPad और MS Paint में देख सकते हैं यह Toolbar एक Shortcut तस्तरी के रूप में कार्य करती है. जिसमें आपके लिए अधिकतर काम आने वाली Commands होती है. Quick Access Toolbar में कुछ Common Commands जैसे Save, New, Cut, Copy, Undo, Redo, Print आदि को Add कर दिया जाता है. जिससे आप इन्हे Manual तरीके से Use करने के बजाए Quick Access Toolbar से ही एक क्लिक में Use कर पाते हैं आप जिन Commands का उपयोग सबसे अधिक करते है. उनको आप Quick Access Toolbar में Add कर तेजी से अपना कार्य कर सकते है. इससे आप बार-बार Manual तरीके से Commands को खोजने से बच जाते है. आप सिर्फ Commands ही नही. इसके अलावा Tabs, Buttons को भी Quick Access Toolbar में Add कर सकते है.

Quick Access Toolbar को Customize भी किया जा सकता है. आप किसी भी Command को Quick Access Toolbar में Add कर सकते है. इसका मतलब यह है कि जिस Command को आप उपयोग करना चाहते है, उसे Quick Access Toolbar में Add कर दीजिए. और जिस Command का आपको इस्तेमाल नही करना है, उसे आप Toolbar से Remove भी कर सकते है.

कहाँ मिलेगी Quick Access Toolbar?

Quick Access Toolbar को Default रूप में Ribbon के ऊपर जोडा गया है. आप इसे MS Word, MS Excel, और MS Paint में Ribbon के ऊपर बांए कोनें में Title Bar पर देख सकते है. अगर आपको Quick Access Toolbar उसकी जगह पर नही दिख रही है तो आप इसे Ribbon के नीचे देख सकते है.




Quick Access Toolbar को कैसे Customize करें?

1. Commands और Buttons Add करना

Quick Access Toolbar में कोई भी Command और Button को Add करने के लिए आपको एक सामान्य सी प्रक्रिया करनी होती है. इसके लिए आप जिस भी Command या Button को Add करना चाहते है, उसके ऊपर Right Click कीजिए. इसके बाद Add to Quick Access Toolbar पर क्लिक कीजिए. और वह Command या Button विशेष Quick Access Toolbar में Add हो जाएगा.

2. Commands और Buttons Remove करना

इसके उल्ट आप Quick Access Toolbar से Buttons को Remove भी कर सकते है. इसके लिए आपको ऊपर बताई गई प्रक्रिया के विपरीत करना है. आप Quick Access Toolbar से जिस भी Button या Command को Remove करना चाहते है, उसके ऊपर Right Click कीजिए. इसके बाद Remove from Quick Access Toolbar पर क्लिक कीजिए. और वह Command या Button विशेष Quick Access Toolbar से Remove हो जाएगा.

आपने क्या सीखा

इस Tutorial में आपने जाना कि Quick Access Toolbar का क्या उपयोग है. यह Toolbar Programs में कहाँ होती है. इसके अलावा आपने Quick Access Toolbar को अपने हिसाब से Customize भी किया. हमे उम्मीद है कि यह Tutorial आपके लिए उपयोगी साबित होगा|

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USE OF MS WORD || MS Word pr kaise kam karte hain || MS Word in Hindi

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जब बात आती है कोई डॉक्युमेंट बनाने की तो पहला ख्याल माइक्रोसॉफ्ट द्वारा विकसित पावरफुल वर्ड प्रोसेसर प्रोग्राम एम एस वर्ड के बारे में ही आता है.

Microsoft Word, जिसे MS Word भी कहा जाता है, एक वर्ड प्रोसेसिंग एप्लिकेशन है जिसका उपयोग विभिन्न प्रकार के दस्तावेज़ तैयार करने के लिए किया जाता है. निम्नलिखित कुछ मुख्य उपयोग हैं:

व्यापारिक उपयोग: MS Word का उपयोग सभी प्रकार के आधिकारिक दस्तावेज़ तैयार करने के लिए किया जा सकता है.

आप इसके द्वारा व्यापार से संबंधित सभी प्रकार के खाता प्रबंधन कार्य कर सकते हैं1.

शिक्षा के उपयोग: MS Word शिक्षा के लिए एक उत्कृष्ट उपकरण है1. आप इसका उपयोग करके अपने व्याख्यान से संबंधित किसी भी दस्तावेज़ फ़ाइल को तैयार कर सकते हैं1.

निजी उपयोग: MS Word का उपयोग व्यक्तिगत दस्तावेज़ जैसे कि जन्मदिन कार्ड, निमंत्रण पत्र, और त्योहार कार्ड तैयार करने के लिए किया जा सकता है1.

नौकरी के लिए उपयोग: MS Word का मूल पाठ्यक्रम करके आप एक अच्छी नौकरी प्राप्त कर सकते हैं1.

अनुवाद के लिए उपयोग: MS Word का उपयोग अनुवाद के लिए भी किया जा सकता है1.

इनके अलावा, MS Word का उपयोग अन्य कई कार्यों के लिए भी किया जा सकता है, जैसे कि नोट्स, असाइनमेंट, और रिज्यूम तैयार करने के लिए, पुस्तक बनाने के लिए, और अन्य |

खैर, मैं आपको इस प्रोग्राम के गुण नही बल्कि एम एस वर्ड का उपयोग किन-किन कामों के लिए होता है. इस बारे में जानकारी बताने के लिए यह लेख तैयार किया है.

तो चलिए देर किस बात की जानते हैं एम एस वर्ड का उपयोग किन कामों के लिए किया जाता है?

एम एस वर्ड का उपयोग – Uses of MS Word in Hindi

MS Word का उपयोग वर्ड प्रोसेसिंग के लिए किया जाता हैं. जिसके द्वारा आप साधारण टेक्स्ट डॉक्युमेंट से लेकर बिजनेस लेटर्स, रिपोर्ट, वर्क प्रोफाइल, रेज्यूम, ब्रोशर आदि बड़ी ही आसानी से पेशेवर तरीके से तैयार कर सकते हैं.

इन कामों को आसान शब्दों में समझाने के लिए मैं इन्हे दों वर्गों में बांट रहा हूँ.

  1. निजी उपयोग – Personal Uses
  2. बिजनेस उपयोग – Business Uses

#1 एम एस वर्ड का पर्सनल उपयोग – Personal Uses of MS Word in Hindi

एम एस वर्ड का उपयोग घरेलू कामों तथा कुछ निजी कामों को निपटाने के लिए भी खूब होता है. आप शादी का निमंत्रण पत्र से लेकर ऑफिस लीव भी इस सॉफ्टवेयर की मदद से आसानी से तैयार कर सकते हैं.

नीचे मैं आपको उन कार्यों के नाम गिना रहा हूँ जिन्हे आप इस वर्ड प्रोसेसर की मदद से निपटा सकते हैं.

  • Resume
  • Letters
  • Invitations
  • Cards
  • Festival Wishes
  • Home Works
  • Report Writings
  • Essays Writings

ये कुछ महत्वपूर्ण कार्य हैं जो एक पर्सनल यूजर इस प्रोग्राम की मदद से आमतौर पर करता हैं. इनके अलावा भी इस सूची में विभिन्न नाम और शामिल हो सकते हैं.

#2 एम एस वर्ड का बिजनेस के लिए उपयोग – Business Uses of MS Word in Hindi

निजी उपयोग के बाद सबसे ज्यादा उपयोग एम एस वर्ड का इस्तेमाल बिजनेस कार्यों के लिए ही होता है. ऑफिस कार्यों को आसानी से पेशेवर तरीके से निपटाने के लिए वर्ड प्रोसेसर की बहुत जरूरत रहती है. जिसे एम एस वर्ड पूरा कर देता है.

आइए, जानते हैं कुछ ऐसे कार्य जिन्हे ऑफिस तथा कार्य-स्थलों पर इस सॉफ्टवेयर की मदद से पूरा किया जाता है.

  • Letter Writing
  • Report
  • Bills
  • Proposal
  • Newsletter
  • Brochure
  • Catalog
  • Poster
  • Banner
  • Flyer
  • Postcard
  • Sign
  • Resume Writing & Editing
  • Business Card
  • Invoice
  • Packaging Details
  • Mailing Labels
  • eBooks Writing
  • Ads Copy Writing
  • Press Releases

उपर वर्णित कार्यों के अलावा यह आपकी कल्पना शक्ति पर निर्भर करता हैं कि आप इस प्रोफेशनल वर्ड प्रोसेसर प्रोग्राम का उपयोग किस काम के लिए कर सकते हैं.

आपने क्या सीखा?

इस लेख में मैंने आपको एम वर्ड का उपयोग के बारे में जानकारी दी हैं. आपने जाना कि एम एस वर्ड का उपयोग किन-किन कार्यों को पूरा करने के लिए किया जाता है.

आपने जाना कि इस प्रोग्राम का उपयोग पर्सनल कार्य तथा बिजनेस कार्यों को पूरा करने के लिए होता है.

मुझे उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होता और आपको पसंद आएगा.

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Monday, November 27, 2023

What is MS Word in Hindi || MS Word Kya hai || MS Word Basic Jankari

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MS Word क्या है -कम्प्यूटर पर लेखन का कार्य करने के लिए जिस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है उसका नाम है – MS Word. इस टूल के द्वारा आप विभिन्न प्रकार की टेक्स्टिंग कम्प्यूटर में कर सकते हैं. साथ में डिजाइन और फॉर्मेटिंग करके उन्हे सजाकर बढ़िया लुक भी दे सकते हैं इस लेख में मैं आपको आज इसी टूल के बारे में सारी जानकारी दुंगा और बताउँगा कि Microsoft Word क्या है और इसका उपयोग कैसे करते हैं. साथ में आपको यह भी बताउँगा कि आप एम एस वर्ड कैसे सीख सकते हैं.

MS Word क्या है ?

MS Word, जिसका पूरा नाम ‘Microsoft Word‘ है तथा इसे ‘Word‘ के नाम से भी जानते है|, एक Word Processor है. जो document को Open, Create, Edit, Formatting, Share एवं Print आदि करने का कार्य करता हैएम एस वर्ड को Microsoft द्वारा विकसित किया गया है, जो Microsoft Office का एक भाग है. एम एस वर्ड अपने पहले संस्करण से अब तक अपने क्षेत्र पर राज कर रहा है. MS Word 2013 की विंडो कुछ इस प्रकार दिखाई देती है.

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आप भी अपने कम्प्युटर मे MS Word को Open कर इसे देख सकते है. यदि आपको MS Word open करना नही आता है तो आप ‘MS Word को कैसे Open करें‘ Tutorial से MS Word को Open करना सीख सकते है. इस Tutorial मे MS Word को Open करने के कई तरीके बताए गए है MS Word की विंडो को कई भागों में बाँटा गया है. जिन्हे ऊपर चित्र में एक रेखा के माध्यम से नाम सहित दिखाया गया है. आइए MS Word की विंडो के प्रत्येक भाग को क्रम से जानते है.

Introduction to MS Word Home Screen with Tools

1. Office Button

Office Button MS Word का एक प्रमुख भाग है. यह बटन menu bar में होता है. इस बटन में MS Word में बनने वाली फाइल या डॉक्युमेंट के लिए कई विकल्प होते है.

2. Quick Access Toolbar

Quick Access Toolbar MS Word का एक विशेष भाग है. यह टूलबार Title bar में होता है. इसे हम शॉर्टकट की तरह उपयोग मे लेते है. इस टूलबार में अधिकतर काम आने वाली commands को एड कर दिया जाता है और वे इसमे जुड जाती है. Quick Access Toolbar की सहायता से MS Word में कार्य थोडी speed से हो पाता है.

3. Title bar

Title bar MS Word विंडो का सबसे ऊपरी भाग है. इस बार पर Word मे बनाई गई फाइल्स के नाम को दिखाया जाता है.

जब तक फाइल को रक्षित (save) नही किया जाएगा फाइल का नाम नही दिखाया जाता है और वहां “Document1” लिखा होता है. जैसे ही हम फाइल को किसी नाम से रक्षित (save) करते है तब “Document1” के स्थान पर फाइल नाम दिखाया जाता है.

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Title bar के दांये कोने में तीन बटन होते है. इन तीन बटन में पहला बटन “Minimize” होता है जिस पर क्लिक करने से Open Program Task Bar में आ जाता है. दूसरा बटन “Maximize or Restore down” होता है. यह बटन विंडो की width को कम या ज्यादा करने का कार्य करता है. और तीसरा बटन “Close button” है जो प्रोग्राम को बंद करने का कार्य करता है.

4. Ribbon

Ribbon MS Word विंडो का एक और भाग है. यह menu bar से नीचे होता है. इस पाठ मे दिखाई गई MS Word विंडो में लाल रंग का हिस्सा ही ribbon है. इस भाग में MS Word tabs (जो विकल्प menu bar में होते है) के विकल्पों को दिखाया जाता है.

5. Menu bar

यह बार टाइटल बार के नीचे होती है. इसे tab bar भी बोल सकते है क्योंकि इन्हें अब टेब ही बोला जाता है. Menu Bar में कई विकल्प होते है और प्रत्येक की अपनी Ribbon होती है.

6. Ruler bar

यह बार MS Word में दो तरफ होती है. पहली text area के बिल्कुल ऊपर होती है तथा दूसरी text area के बांये तरफ होती है. इससे हमें page margin का पता चलता है.

7. Status bar

Text Area के बिल्कुल नीचे मौजूद होती है स्टेटस बार. इस बार में “Zoom Level” नामक टूल होता है जिसकी सहायता से page को zoom in तथा zoom out किया जा सकता है. इसके अलावा भी बहुत से टूल इस बार में होते है जैसे; Language, Word Count, Page Number आदि.

8. Scroll bar

Scroll bar MS Word में दांये तरफ एक लम्बवत (vertically) बार होती है जो page को ऊपर-नीचे करने का कार्य करती है.

9. Text Area

Text Area MS Word का सबसे मह्त्वपूर्ण भाग है. और यह MS Word विंडो का सबसे बडा तथा मध्य भाग होता है. इसी क्षेत्र मे document text को लिखा जाता है.

Features of MS Word – एम एस वर्ड की विशेषताएं

Easy to Learn

एम एस वर्ड सीखना और चलाना आसान है. आप कुछ ही दिनों की प्रैक्टिस के बाद इसका बेसिक सीख जाते है. फिर धीरे-धीरे एडवांस काम करना भी आ जाता हैयह वर्ड एडिटर ग्राफिक्ल यूजर इंटरफेस उपलब्ध करवाता है. यानि आप कमांड्स को आइकन के माध्यम से देखते है. और उन्हे देखकर ही अंदाज लगा सकते है कि यह इस कमांड का यह काम हो सकता है ऊपर चित्र में भी आप एम एस वर्ड का वर्किग एरिया देख सकते है.

User Friendly

किसी भी प्रोग्राम की सफलता का राज होता है उसका यूजर फ्रेंडली होनाजो सॉफ्टवेयर जितना आसान होता है और यूजर्स को ध्यान में रखकर विकसित किया जाता है. वह उतना ही ज्यादा यूजर्स को पसंद आता है.एम एस वर्ड भी इन्ही प्रोग्राम्स में से है. यह डॉक्युमेंट्स, फ्लायर, टेबल्स बनाने वाले यूजर्स की पहली पसंद है. और अपनी श्रेणी में एकतरफा राज करता है.

Knowledge Base

यदि आपको वर्ड पर काम करने में किसी भी प्रकार की दिक्कत आती है तो माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस का बिल्ट-इन-सपोर्ट मौजूद है. यहां हर समस्या के लिए ट्युटोरियल्स उपलब्ध करवाएं गए हैशुरुआत करने के लिए भी यह नॉलेज बेस बहुत ही उपयोगी साबित होता है. इसे आप कीबोर्ड से F1 कुंजि को दबाकर एक्सेस कर सकते है. या फिर वेबसाइट के जरिए भी हेल्प ली जा सकती है.

Job Ready

एम एस वर्ड सिक्ल्स की कॉर्पोरेट सेक्टर में भारी मांग रहती है. माइक्रोसॉफ्ट खुद एम एस ऑफिस सर्टिफाइड प्रोग्राम्स चलाती हैयदि आपको एम एस वर्ड पर काम करना आता है तो आपके पास एक अतिरिक्त जॉब स्किल आ जाती है. जिसके द्वारा बहुत सारी जगहों पर काम कर सकते है.

एम एस वर्ड का उपयोग किस काम के लिए होता है?

जैसा हमने ऊपर बताया है एम एस वर्ड् दुनिया का जाना-माना वर्ड प्रोसेसिंग प्रोग्राम है. जिसका उपयोग बहुत सारे वर्ड डॉक्युमेंट्स जैसे लेटर्स, ब्रासर्स, टेस्ट्स, क्विज, होमवर्क असाइनमेंट्स, ई-बुक्स आदि टाइप करने, एडिट करने तथा फॉर्मेट करने के लिए होता है.

How to Learn MS Word – एम एस वर्ड कैसे सीखें

अब हमारे मुख्य सवाल पर बात करते है कि मैं एम एस वर्ड कैसे सीख सकता हूँ? तो आइए जानते है आपके लिए क्या-क्या साधन मौजूद है. जहां से आप एम एस वर्ड सीख सकते है.

  1. Microsoft Help
  2. Books
  3. Online Courses
  4. Web Based Tutorials
  5. Computer Institutes

#1 Microsoft Help

आप सोच रहे होंगे कि इसे पहले नम्बर पर क्यों रखा है? इसका उद्देश्य है यह फ्री ऑफ कोस्ट उपलब्ध है. जिसे आप वर्ड में ही प्राप्त कर सकते हैइसके बारे में मैंने Knowledge Base वाले भाग में भी बताया है. यह एम एस वर्ड सीखने का सबसे सरल और विश्वसनीय स्रोत है. आपको सीधे माइक्रोसॉफ्ट से ट्रैनिंग मिलती है. तो इसे आजमाकर जरूर देंखे.

#2 Books

माइक्रोसॉफ्ट वर्ड बहुत ही लोकप्रिय प्रोग्राम है. इसलिए, आपको सैंकड़ों बुक इस पर मिल जाएगी. यदि विश्वास नहीं है तो एक बार गूगल कर लेना या फिर अमेजन को टटोल आनायह बुक्स पैक्टिकल ट्रैनिंग के साथ लिखि जाती है. और समझाने के लिए बहुत सारे स्क्रीनशॉट्स का इस्तेमाल होता है. ट्युटोरियल्स को चरणबद्ध तरीके से लिखा जाता है. इसलिए, यूजर्स को समझने में ज्यादा दिक्कत नहीं आती हैयदि आप कोई सस्ता और विश्वसनीय स्रोत ढूँढ रहे है तो बुक्स आपकी तलाश को रोक सकती है.

#3 Online Courses

किसी भी स्किल को आजकल ऑनलाइन कोर्सेस के माध्यम से सीखना बहुत आसान हो गया है. ई-लर्निंग के कारण किसी भी स्किल को घर बैठे-बैठे सीखना आज से आसान कभी नही था.इसलिए, आप भी ऑनलाइन लर्निंग पोर्ट्ल्स के माध्यम से एम वर्ड कोर्स कर सकते है. मैं कुछ नाम आपको बता रहा हूँ. जहां से आप एम एस वर्ड की ऑनलाइन ट्रैनिंग लें सकते है

#4 Web-Based Tutorials

“ms word kaise sikhe” इस टर्म को आप गूगल करेंगे तो आपको लाखों रिजल्ट मिल जाएंगे. जो फ्री वर्ड ट्युटोरियल्स उपलब्ध करवाते है इंटरने पर सैंकड़ों वेबसाइट्स मौजूद है जो फ्री एम एस वर्ड ऑनलाइन सिखाती है. कुछ लोकप्रिय स्रोत मैं आपको नीचे बता रहा हूँ. जहां से आप वर्ड सीख सकते है.

#5 Computer Institutes

ऊपर जो तरीके बताए गए है. वे सभी केवल तभी कारगर है. जब आपके पास कम्प्यूटर हो और एम एस वर्ड उसमें इंस्टॉल होगा अगर, आपके पास कम्प्यूटर नही है तब आप किसी कम्प्यूटर इंस्टीट्यूट में जाकर ही एम एस वर्ड सीखें. यहां आपको प्रैक्टिकल करने के लिए कम्प्यूटर और सॉफ्टवेयर दोनों मिल जाते है किसी भी प्रकार की दिक्कत आने पर तुरंत ट्रैनर से पूछ भी सकते है. इसलिए, यह तरीका भी आजमाया जा सकता है.

आपने क्या सीखा?

इस लेख में आपने MS Word के बारे में जाना है. आपने जाना कि एम एस वर्ड क्या होता है, Microsoft Word की Window के कितने भाग होते है. और आप एम एस वर्ड कैसे सीख सकते है? मुझे उम्मीद है कि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा एम एस वर्ड के आगे के ट्युटोरियल्स नीचे क्रमवार दिए गए है. आप जो भी काम वर्ड में सीखना चाहते है उसे सेलेक्ट करें क्लिक करके सीखना शुरु करें.

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Sunday, October 29, 2023

Latest Computer Hardware and Networking MCQ Objective Questions

 

Latest Computer Hardware and Networking MCQ Objective Questions

Computer Hardware and Networking Question 1:

Which of the following memory is used for storing software that does not need updates?

  1. Flash Memory
  2. ROM
  3. SRAM
  4. DRAM
  5. Not Attempted

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : ROM

Computer Hardware and Networking Question 1 Detailed Solution

Flash Memory:

  • Flash memory is a non-volatile memory chip used for storage and for transfering data between a personal computer (PC) and digital devices.
  • It can be electronically reprogrammed and erased.
  • It is often found in USB flash drives, MP3 players, digital cameras and solid-state drives.

ROM:

  • ROM stands for Read Only Memory.
  • In ROM we can only read but cannot write on it. It is non-volatile in nature. The information is stored permanently in such memories during manufacture.
  • A ROM stores such instructions that are required to start a computer. This is known as bootstrap.
  • ROM chips are not only used in the computer but also in other electronic items like washing machine and microwave oven.

SRAM:

  • Static Random Access Memory is a type of RAM that holds data in a static form, that is, as long as the memory has power.
  • It does not need to be refreshed.

DRAM:

  • DRAM is a type of RAM that stores each bit of data on a separate capacitor.
  • It is the efficient way to store data in memory, because it requires less physical space to store the same amount of data than if it was stored statically.

The correct answer is option 2 i.e ROM

Computer Hardware and Networking Question 2:

Which of the following computer hardware contains a laser?

  1. RAM
  2. CD Drive
  3. Hard Disk Drive
  4. Floppy Drive

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : CD Drive

Computer Hardware and Networking Question 2 Detailed Solution

CD Drive contains a laser.

The use of laser in CD drive is:

  • CD drives are also called optical disc drives because they use laser light or electromagnetic waves to read or write data to or from a CD.
  • An infrared laser with a wavelength of 780 nanometers (nm) is employed in the CD drive.
  • A laser is used to transfer digital data (a long sequence of ones and zeros) to this disc by literally burning small ‘pits’ into the surface, with untouched areas (called ‘lands’) representing ones and burned areas representing zeros.
  • A CD drive uses a laser beam to read the data from the disk as it is spinning. It distinguishes between the pits and lands based on how the light reflects off the recording material.

Computer Hardware and Networking Question 3:

Which is the correct full form of TCP?

  1. Transmission Communication Protocol
  2. Transmission Control protocol
  3. Transmission Computer Protocol
  4. Transfer Control Port

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : Transmission Control protocol

Computer Hardware and Networking Question 3 Detailed Solution

TCP (Transmission Control Protocol):

  • TCP (Transmission control protocol) is a connection-oriented reliable transport protocol.
  • It provides a process to process communications using port numbers.
  • It provides services like flow control, error control, congestion control. A packet that is sent is known as a segment in TCP.
  • In TCP, transmission requires three phases: connection establishment, data transfer, and connection termination. It uses three-way handshaking mechanism for connection establishment and termination.

Computer Hardware and Networking Question 4:

What is a “vlog”?

  1. Video Log
  2. Video blog
  3. New technology to aid in blogging
  4. Both 2 and 3

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : Both 2 and 3

Computer Hardware and Networking Question 4 Detailed Solution

The correct answer is ​Both 2 and 3.

Key Points

  • Vlog:
    • It is a personal website or social media account where a person regularly posts short videos.
    • Vl og stands for a video blog and refers to a type of blog where most or all of the content is in a video format.
    • Vlogging (short for “video blogging”) is the daily practice of capturing and sharing vlogs characteristically featuring a vlogger shooting themselves at arm’s length throughout their everyday activities.

Computer Hardware and Networking Question 5:

Which of the following layers of the OSI model provides access control?

  1. Physical
  2. Presentation
  3. Session
  4. Data Link

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : Data Link

Computer Hardware and Networking Question 5 Detailed Solution

The correct answer is Data Link

Important Points

  • The data link layer of the OSI model provides access control.
  • Physical Layer is responsible for the communication of the unstructured raw data streams over a physical medium.
  • Physical Layer maintains the data rate (how many bits a sender can send per second). It performs the Synchronization of bits.
  • It helps in Transmission Medium decisions (direction of data transfer).

Top Computer Hardware and Networking MCQ Objective Questions


A/an ___________ is a central server on a computer network that enables connected clients to access the server’s storage capacities.

  1. web server
  2. application server
  3. print server
  4. file server

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : file server

Computer Hardware and Networking Question 6 Detailed Solution

The correct answer is a file server.

Key Points

  • A file server is used to manage files on a server where it can be uploaded, shared or downloaded by other available systems which are connected to that network.
  • It is a central server on a computer network that enables connected clients to access the server’s storage capacities.
  • File servers offer users a central storage place for files on internal data media, which is available to all approved clients.
  • The server administrator defines strict guidelines regarding which client have access rights -
    • For example, the design or file authorizations of the particular file system empower the administrator to set which files can be seen and opened by a specific client or client group and whether information must be seen or added altered, or erased.
  • With file servers connected with the web and designed appropriately, clients can't just access the files through the neighborhood organization but also benefit from remote access.
  • This enables files to be accessed and saved on the file server even when users are on the go.
  • All modern operating systems such as Windows, Linux, or macOS can be used on a file server, although the devices available in the network need to be compatible with the operating system.

Hard disk in a computer is

  1. Temporary magnetic storage
  2. Permanent magnetic storage
  3. High capacity optical disk storage
  4. High capacity CDROM

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : Permanent magnetic storage

Computer Hardware and Networking Question 7 Detailed Solution

The correct answer is Permanent magnetic storage.

Hard disk:

  • A hard disk drive (sometimes abbreviated as a hard drive, HD, or HDD) is a non-volatile data storage device.
  • Hard disk, Magnetic storage medium for a microcomputer.
  • Hard disks are flat, circular plates made of aluminum or glass and coated with magnetic material.
  • Hard disks for personal computers can store up to several gigabytes (billions of bytes) of information.

Important Points

Short Form

Full-Form

AMD

Advanced Micro Devices

ATA

Advanced Technology Attachment

ATX

Advanced Technology Extended

CD

Compact Disc

CD-ROM

Compact Disc-Read-Only Memory

CD-RW

Compact Disc-Rewritable

Computer

Commonly Operated Machine Particularly Used In Technical And Educational Research

CPU

Central Processing Unit

DVD

Digital Versatile Disc

DVD-RAM

Digital Video Disc-Random Access Memory

DVD-ROM

Digital Video Disc-Read Only Memory

DVD-R

Digital Video Disc-Recordable

DVD-RW

Digital Video Disc-Rewritable

DDR

Double Data-Rate

DDR RAM

Double Data-Rate Random Access Memory

FDD

Floppy Disk Drive

HDD

Hard Disk Drive

HDMi

High Definition Media Interface

IDE

Integrated Drive Electronics

LCD

Liquid Crystal Display

LED

Light Emitting Diode

RAM

Random Access Memory

ROM

Read Only Memory

HDD

Hard Disk Drive

FDD

Floppy Disk Drive

PCI

Peripheral Component Interconnect

SSD

Solid State Disk

SMPS

Switch Mode Power Supply

USB

Universal Serial Bus

VGA

Video Graphics Array

VRAM

Video Random Access Memory



Which of the following is NOT an application software?

  1. Adobe Photoshop
  2. Windows 7
  3. MS Word
  4. Avast Antivirus

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : Windows 7

Computer Hardware and Networking Question 8 Detailed Solution


Software is nothing but a set of instructions.

Softwares are majorly classified into two categories:

1) System Software

2) Application Software

  • Application Software also referred to as end-user programs or productivity programs is software that aids the user in executing tasks like doing online research, jotting down notes, setting an alarm, graphics designing, keeping logs of accounts, performing calculations, or even playing games. They lie above the system software.
  • They are different from system software in a way that they are used by the end-user and are specific in their functionality or tasks and perform the task that they are created to do. For example, the application Browser is specifically designed for the purpose of browsing the internet, or MS PowerPoint is an application used specifically for making presentations.
  • Adobe Photoshop, MS Word, Antivirus Softwares are examples of Application Software.

Features of application software are as follows:

  • Close to the user
  • Easy to design
  • More interactive
  • Slow in speed
  • Generally written in a high-level language
  • Easy to understand
  • Easy to manipulate and use
  • Bigger in size and requires large storage space


System software:

  • The system software is the set of programs that enables your computer's hardware devices and Application software to work together.
  • The system software is software designed to provide a platform for other software.
  • System Software is designed to control the operation and extend the processing functionalities of a computer system.

RS 232 communication is

  1. Full duplex
  2. Half duplex
  3. Simplex
  4. Command response system

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : Full duplex

Computer Hardware and Networking Question 9 Detailed Solution

Concept:

The data flow between the two devices can be in simplex, half-duplex, and full-duplex modes.

Simplex: In Simplex, communication is unidirectional. Only one of the devices sends the data and the other one only receives the data.

Example: A CPU sends data while a monitor only receives data.

Half-Duplex: In half-duplex both the stations can transmit as well as receive but not at the same time. When one device is sending others can only receive and vice-versa

Example: A walkie-talkie.

Full Duplex: In Full-duplex mode, both stations can transmit and receive at the same time.

Example: Mobile phones

Application:

  • RS-232 is a bi-directional (Full duplex) point to point communication link.
  • Two independent channels are established for two-way (Full-Duplex) communication.
  • This can be better understood with the following diagram:

What is the name of the software that allows us to browse web pages?

  1. Mail client
  2. FTP client
  3. Browser
  4. Messenger

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : Browser

Computer Hardware and Networking Question 10 Detailed Solution

An internet browser or simply called a browser is used to view a webpage.

It is used to access and view websites.

Common web browsers include Microsoft Internet Explorer, Google Chrome, Mozilla Firefox, and Apple Safari.

Important Point-

1. A mail Client is a desktop program that allows users to access their emails on their computer without having to log in via the web

2. An FTP Client is software designed to transfer files back-and-forth between a computer and a server over the Internet.


Which topology is used for a central Network controller

  1. Star
  2. Mesh
  3. Ring
  4. Point to Point

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : Star

Computer Hardware and Networking Question 11 Detailed Solution

  • To provide centralized access to the network a hub device is used
  • Hub is a node that broadcasts data to every computer connected to it.
  • Hub is used in the star topology
  • Mesh, ring, bus topologies don't need hubs
  • The network nodes connect to ports in the hub via a cable such as UTP or coaxial.

An index register in digital computer is register to be used for

  1. performing arithmetic and logic operations
  2. temporary storage of result
  3. counting number of times a program is executed
  4. address a modification purpose

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : address a modification purpose

Computer Hardware and Networking Question 12 Detailed Solution

Index register:

An index register in digital computer is register that is used to address a modification purpose.

An index register in a computer's CPU is a processor register used for modifying operand addresses during the run of a program, typically for doing vector/array operations.

How many 2k × 8 ROM chips would be required to build a 16k × 8 memory system?

  1. 2
  2. 4
  3. 8
  4. 16

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : 8

Computer Hardware and Networking Question 13 Detailed Solution

Concept:

ROMRead-Only Memory (ROM) chips are non-volatile memory that generally contains instructions for "booting" the computer (i.e. loading the operating system when the computer starts up).

For 2× m ROM chips we have:

1. n address lines.

2. m bit data lines.

The total capacity of ROM chips required = Number of ROM chips × Capacity of single ROM chip

Analysis:

Given, the capacity of single-chip = 2k × 8

Required capacity = 16k × 8

Number of ROM chips required = 16×82×8

= 8


In OSI network architecture, the routing is performed by

  1. physical layer
  2. network layer
  3. data link layer
  4. session layer

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : network layer

Computer Hardware and Networking Question 14 Detailed Solution

Different networking devices and the layers on which they operate is given below:

Device

OSI Layer

Hub

Physical

Repeater

Physical Layer

Switch

Data Link Layer

Router

Network Layer

Bridge

Data Link Layer

Firewall

Network Layer


The Open Systems Interconnection (OSI) model is a suggested standard for communication that was developed by the International Organization for Standardization (ISO). The OSI reference model describes how data is sent and received over a network. This model breaks down data transmission over a series of seven layers.

These 7 Layers of OSI are:

  • Layer 7: The application layer.
  • Layer 6: The presentation layer.
  • Layer 5: The session layer.
  • Layer 4: The transport layer.
  • Layer 3: The network layer.
  • Layer 2: The data-link layer.
  • Layer 1: The physical layer.

Which of the following is an output device?

  1. Magnetic Ink Character Recognition (MICR)
  2. Optical Character Recognition (OCR)
  3. Optical Mark Reading (OMR)
  4. Visual Display Unit (VDU)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : Visual Display Unit (VDU)

Computer Hardware and Networking Question 15 Detailed Solution

An output device is any piece of computer hardware equipment which converts information into human-readable form. It can be text, graphics, tactile, audio, and video. Some of the output devices are Visual Display Units (VDU) i.e. a Monitor, Printer, Graphics Output devices, Plotters, Speakers etc:

  • A Visual Display Unit is the most popular output device used for producing soft copy output generated by a computer or other electronic devices.
  • It is commonly known as a Monitor. a V.D.U. may be peripheral or may be integrated with the other components. Early V.D.U. were primarily Cathode Ray Tube (CRT) displayed and typically had a diagonal size of 13 inches or less.
="arial, helvetica, sans-serif">During the 1990s, 15" and 17" displays became standard, and some manufacturers began producing displays over 20" in size. At the turn of the century, flat panel displays became more common, and by 2006, CRT displays were hard to find.
  • Today, it is common for computers to come with VDUs that are 20" to 30" in size. Thanks to the recent growth in LCD, plasma, and LED technology, manufacturing large screens is much more cost-effective than before.

  • Note: Magnetic Ink Character Recognition (MICR), Optical Character Recognition (OCR), Optical Mark Reading (OMR) are all input devices. In computing, an 

    ong>input device is a piece of computer hardware equipment used to provide data and control signals to an information processing system such as a computer or information appliance. Examples of input devices include keyboards, mouse, scanners, digital cameras, joysticks, and microphones.

    Hence, we conclude that the Visual Display Unit (VDU) is an output device.

    Thursday, March 30, 2023

    What is Android : What to identify before developing a mobile app

     What is Android : What to identify before developing a mobile app

    एक समय के लिए, व्यवसाय आम तौर पर सीमित बजट और विस्तारित समयसीमा के कारण मोबाइल ऐप विकास को आउटसोर्स करते थे। हालाँकि, सहायक विकास प्लेटफार्मों और सॉफ्टवेयर प्रोग्रामों के बीच, जो बहुत अधिक जमीनी कार्य करते हैं, कई छोटे व्यवसाय इन-हाउस मोबाइल ऐप विकसित कर रहे हैं

    नतीजतन, अधिक से अधिक कंपनियां आंतरिक उद्देश्यों या ग्राहक उपयोग के लिए मोबाइल ऐप विकास की उपयोगिता को अपना रही हैं। हालांकि पहली बार ऐप विकसित करना कठिन हो सकता है, यह एक अविश्वसनीय रूप से पुरस्कृत अनुभव भी हो सकता है। यह व्यापक गाइड आपको एक सफल ऐप विकसित करने में मदद करने के लिए ऐप विकास जीवन चक्र के बारे में बताएगी।
     

    What to identify before developing a mobile app
    मोबाइल ऐप विकसित करने से पहले क्या पहचानें

    मोबाइल ऐप बनाने में समय और संसाधनों का निवेश करने से पहले कुछ बातों पर ध्यान देना चाहिए। ऐप विकसित करना बहुत सीधा है, रणनीतिक डिजिटल समाधान की योजना बनाना जटिल हो सकता है।
    1. अपने ऑपरेटिंग सिस्टम पर निर्णय लें
    वर्तमान में, दो प्राथमिक ऑपरेटिंग सिस्टम हैं: iOS और Android। क्या आपका ऐप एक मूल ऐप होगा, जिसका अर्थ है कि यह विशेष रूप से एक निश्चित OS के लिए विकसित किया गया है? सॉफ़्टवेयर संगतता पर निर्णय सीधे ऐप की कार्यक्षमता को प्रभावित करेंगे।
    एक क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म फ्रेमवर्क या ऐप जो आईओएस और एंड्रॉइड दोनों के लिए काम करता है, आम तौर पर भविष्य के विकास लक्ष्यों के लिए सबसे अच्छा होगा। यह आपके ऐप को निरंतर सफलता के लिए सेट करने का एक सरल तरीका है, क्योंकि अधिक उपयोगकर्ता इसे एक्सेस कर पाएंगे। निर्णय लेने में आपकी सहायता के लिए, ऐप के विकास के लिए अपने लक्ष्यों पर विचार करें।
     
    2. अपने लक्षित दर्शकों को जानें
    सुनिश्चित करें कि आपको अपने लक्षित व्यक्तित्व की अच्छी समझ है। समझें कि आपके लक्षित उपयोगकर्ता कौन हैं, उनके लक्ष्य, उनके व्यवहार और प्राथमिकताएं और उनके द्वारा उपयोग किए जाने वाले प्लेटफ़ॉर्म और मोबाइल डिवाइस। यहीं पर आपकी ऐप मार्केटिंग चलन में आ सकती है। ऐप को अपने लक्षित दर्शकों तक पहुंचाएं, ताकि उन्हें इसका आनंद लेने और ऐसा करना जारी रखने में मदद मिल सके।
    3. कॉन्सेप्ट प्रूफ आपके ऐप आइडिया
    छोटी-छोटी बातों में गोता लगाने और पहले कार्रवाई योग्य विकास कदम उठाने से पहले, विचार करें कि क्या आपका ऐप किसी मौजूदा समस्या का समाधान है। यदि ऐसा है, तो सोचें कि यह कैसे मदद करेगा। या, यदि आपका ऐप आपके संगठन के लिए विशिष्ट है, तो विचार करें कि डिजिटल समाधान रणनीति आपकी कंपनी के लक्ष्यों में कैसे मदद करेगी।
     
    विकास प्रक्रिया में इस स्तर पर प्रतिबिंबित करने के लिए रुकने से आप अपने ऐप के भविष्य के रोडमैप का पूर्वावलोकन कर सकते हैं। ऐप के लिए अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं को अंतिम रूप दें, और सुनिश्चित करें कि आप और आपकी टीम शीर्ष लक्ष्यों पर सहमत हैं। वहां से, आपको पता चल जाएगा कि मजबूत आधार के साथ कहां से शुरुआत करनी है।
    4. जानिए वहां क्या है
    यह सुनिश्चित करने के लिए अपना शोध करें कि आपका विचार पहले से ही बाजार में नहीं है। आप केवल यह पता लगाने के लिए अपना खुद का ऐप विकसित नहीं करना चाहते हैं कि एक समान पहले से मौजूद है, जो आपके द्वारा आशा की तुलना में कम मूल विचार के रूप में प्रस्तुत करता है।
     
    सुनिश्चित करें कि आपकी ऐप रणनीति आपके या आपकी कंपनी के लिए अद्वितीय है और आपके लक्षित उपयोगकर्ताओं के लिए उपयोगकर्ता के अनुकूल है। उन ऐप्स के लिए जो किसी व्यवसाय के लिए विशिष्ट हैं, यह समझने के लिए प्रतियोगिता की जाँच करना सुनिश्चित करें कि आपका ऐप बाज़ार में पहले से मौजूद अन्य लोगों के मुकाबले कैसे टिकेगा।
    5. अपने ऐप के डिजाइन और सुरक्षा की योजना बनाएं
    आपका ऐप डिज़ाइन इसकी सफलता की कुंजी है। प्रोग्राम डिज़ाइन में एक अनुकूल उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस होना चाहिए। इसका उपयोग करना जितना आसान होगा, ऐप को डाउनलोड करने के इच्छुक उपयोगकर्ता उतने ही अधिक होंगे। सामग्री भी एक शीर्ष डिजाइन प्राथमिकता होनी चाहिए, जैसा कि सुरक्षा होनी चाहिए। लोगों के पास उनके फोन पर मूल्यवान और संभावित रूप से संवेदनशील जानकारी होती है। सुनिश्चित करें कि आप डेटा सुरक्षा सुविधाओं और गोपनीयता सेटिंग्स पर विचार करते हैं। आपके ऐप के सुरक्षा प्रोटोकॉल जितने उन्नत होंगे, उतना बेहतर होगा।
    9 चरणों में ऐप कैसे विकसित करें
    ऐप बनाना कोई ऐसी चीज़ नहीं है जो रातोंरात हो सकती है। यह सुनिश्चित करने के लिए आपकी विकास टीम को कई कदम उठाने चाहिए कि आपका ऐप ठीक से लॉन्च हो। एक नया मोबाइल ऐप विकसित करने के लिए आरंभ करने के लिए हमारी आसान नौ-चरण मार्गदर्शिका का पता लगाने के लिए पढ़ना जारी रखें:
    1. Establish a team
    2. Conduct competitive research
    3. Outline core features
    4. Create mockups
    5. Plan app security
    6. Begin coding
    7. Perform multiple tests
    8. Gather and implement feedback
    9. Launch in the app store
    1. एक विकास दल की स्थापना करें
    विभिन्न सॉफ्टवेयर प्रोग्राम और ऐप बिल्डर्स जैसे ऑनलाइन टूल की मदद से ऐप विकसित करना आसान हो गया है। हालाँकि, कोई भी प्रोग्रामिंग भाषा बस यही है - दूसरी भाषा। ऐप डेवलपमेंट प्रक्रिया अभी भी एक वास्तविक उपक्रम है जो लोगों के समूह के साथ सबसे अच्छा किया जाता है। एक मोबाइल एप्लिकेशन में बहुत सारे जटिल तत्व होते हैं जिन्हें एक साथ आना होता है।
     
    इन कारणों से, एक मोबाइल ऐप विकसित करने का पहला कदम एक प्रतिभाशाली टीम की स्थापना करना है। ऐप को सफलतापूर्वक विकसित करने के लिए, आपको विभिन्न पृष्ठभूमि और विशेषज्ञता वाले व्यक्तियों की एक टीम से बहुत लाभ होगा।
     
    वितरित टीम बनाने से आपको शीर्ष स्वतंत्र प्रतिभा वाले ऐप को विकसित करने में मदद मिल सकती है। अपने ज्ञान तक सीमित रहने या भौगोलिक रेखाओं से सीमित होने के बजाय, आप अद्वितीय कौशल सेट वाले स्वतंत्र पेशेवरों को चुन सकते हैं।
    कम से कम, आपकी ऐप डेवलपमेंट टीम में निम्न शामिल होना चाहिए:
     
    उत्पाद प्रबंधक: तकनीकी विशिष्ट दस्तावेज़, रोडमैप, समय सीमा, आवश्यकताओं को विकसित करता है और टीम का मार्गदर्शन करता है।
    UX/UI डिज़ाइनर: ग्राफ़िक्स, आइकन और एनिमेशन डिज़ाइन करता है। वे सुनिश्चित करते हैं कि ऐप आकर्षक और अत्यधिक सहज दोनों है।
    मोबाइल डेवलपर: कोड कार्यक्षमता और एपीआई, डेटाबेस और अधिक को एकीकृत करता है।
    गुणवत्ता आश्वासन विश्लेषक: यह सुनिश्चित करने के लिए ऐप का परीक्षण करता है कि यह हर डिवाइस पर सुचारू रूप से चलता है। वे किसी भी बग, यूएक्स लेखन त्रुटियों और अधिक खोजने के प्रभारी हैं।
    डिजिटल मार्केटर: सर्च इंजन ऑप्टिमाइज़ेशन (SEO) का उपयोग करके और मोबाइल एनालिटिक्स सेट करके अपने ऐप को सफलतापूर्वक लॉन्च करने में सहायता करें।
    ऐप डेवलपमेंट टीमों में अतिरिक्त सदस्य भी शामिल हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, बड़ी टीमों में UX लेखक, सॉफ़्टवेयर डेवलपर, सॉफ़्टवेयर इंजीनियर, वेब इंजीनियर और तकनीकी लेखक हो सकते हैं।
     
    अपनी टीम की स्थापना करते समय, अपने बजट पर विचार करें और किन क्षेत्रों से निपटने के लिए आपको अधिक सहायता की आवश्यकता है। विशिष्ट कार्यों के लिए फ्रीलांसरों को किराए पर लेना यह सुनिश्चित करने का एक तरीका है कि बजट पर टिके रहने के दौरान आपका ऐप सहज है।
    2. प्रतियोगी अनुसंधान का संचालन करें
    Apple उपयोगकर्ताओं के लिए 2.20 मिलियन से अधिक ऐप्स और Android उपयोगकर्ताओं के लिए 3.40 मिलियन से अधिक उपलब्ध होने के साथ, यह पूरी तरह से समझना महत्वपूर्ण है कि जब प्रतिस्पर्धी सुविधाओं और ग्राहकों की आवश्यकताओं की बात आती है तो आप किसके खिलाफ हैं, ताकि आप जान सकें कि अपने उत्पाद को अलग कैसे बनाया जाए .
     
    अपने प्रतिस्पर्धियों द्वारा निर्मित ऐप्स को खोजने के लिए बाज़ार पर शोध करके प्रारंभ करें। आप यह रेखांकित कर सकते हैं कि आपके प्रतिस्पर्धियों ने क्या सही किया है और वे कहाँ कम हुए हैं। इस तरह के शोध से आपको विशिष्ट अंतर्दृष्टि प्राप्त करने में मदद मिल सकती है कि ग्राहक क्या पसंद करते हैं और आपको अलग तरीके से क्या करना चाहिए।
     
    आप जिस बाजार से जुड़ रहे हैं, उसे समझना भी महत्वपूर्ण है। आपको जवाब देने में सक्षम होना चाहिए कि बाजार को आपके ऐप की आवश्यकता क्यों है और आप समस्याओं को हल करने के लिए अलग तरीके से क्या करते हैं। इस चरण के दौरान, आप संभावित उपयोगकर्ताओं से बात करने पर विचार कर सकते हैं। उपयोगकर्ता फ़ीडबैक के लिए ग्राहकों का साक्षात्कार लेने से आपको उनकी आवश्यकताओं के बारे में विशिष्ट जानकारी मिल सकती है। यह आपकी टीम को उन सुविधाओं को विकसित करने की अनुमति भी दे सकता है जिन्हें अन्य कंपनियों ने उपेक्षित किया है, जिससे आपके ऐप को बढ़त मिलती है।
     
    3. रूपरेखा मुख्य विशेषताएं
    अगला, मुख्य ऐप सुविधाएँ स्थापित करें। अब जब आप समझ गए हैं कि बाजार में क्या गायब है और आपके लक्षित उपयोगकर्ता क्या खोज रहे हैं, तो आप उन प्रमुख विशेषताओं को विकसित कर सकते हैं जिनकी अन्य विकास टीमों ने उपेक्षा की है।
     
    अधिकांश मोबाइल ऐप डेवलपर एक मोबाइल ऐप बनाते हैं जो सहज, नेविगेट करने में आसान, वैयक्तिकृत और उपयोग में आसान है। इस बुनियादी आधार के अलावा, संभावित सुविधाओं की सूची बनाएं जो आपके ऐप को आपके प्रतिस्पर्धियों से अलग कर सकती हैं। कुछ आवश्यक विशेषताओं में सरलता, गति और अच्छा छवि रिज़ॉल्यूशन शामिल हैं। एक अच्छा उपयोगकर्ता अनुभव सुनिश्चित करने के लिए ये सभी आवश्यक सुविधाएँ हैं।
     
    जोड़ने पर विचार करने के लिए एक अन्य विशेषता क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म कार्यक्षमता है, जिसका अर्थ दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम के साथ संगतता है। उपयोगकर्ताओं को जोड़े रखने के लिए एक खोज विकल्प शामिल करना एक और उपयोगी सुविधा है। जबकि गेम-आधारित एप्लिकेशन के लिए उतना उपयोगी नहीं है, ऐप को खोजने की क्षमता प्रदान करना ई-कॉमर्स ऐप और सोशल मीडिया ऐप के लिए एक प्रभावी विकल्प है।
     
    अंत में, उपयोगकर्ताओं को पुश सूचनाएँ या सोशल मीडिया लिंकिंग सक्षम करने की अनुमति देने पर विचार करें। उपयोगकर्ताओं को प्रासंगिक और वैयक्तिकृत जानकारी प्रदान करने, उन्हें सक्रिय रखने और लंबी दौड़ में व्यस्त रखने के ये अन्य बेहतरीन तरीके हैं।
     
    जबकि ऐप निर्माता के रूप में विचार करने के लिए कई रोमांचक विशेषताएं हैं, वांछित सुविधाओं की रूपरेखा तैयार करते समय अपने व्यवसाय की वित्तीय क्षमताओं पर विचार करना न भूलें। उदाहरण के लिए, जब आप लॉगिन क्षमताओं के लिए चेहरे की पहचान को लागू करना चाहते हैं, तो इसे विकसित करना महंगा हो सकता है। यह न भूलें कि ऐप लाइव होने के बाद आप नई सुविधाओं या अपडेट को शामिल कर सकते हैं।
     
    4. मॉकअप बनाएं
    एक बार आवश्यकताएं पूरी हो जाने और प्रमुख विशेषताओं की रूपरेखा तैयार हो जाने के बाद, एक उपयोगकर्ता इंटरफ़ेस (UI) और UX डिज़ाइनर का मॉकअप, टेम्प्लेट और कभी-कभी ऐप से क्या अपेक्षा की जाए, इसका ट्यूटोरियल विकसित करना महत्वपूर्ण है।
     
    मॉकअप ऐप के दिखने की एक विस्तृत रूपरेखा है। विशिष्ट रूप से, एक मॉकअप एक संसक्त रंग योजना और टाइपोग्राफी का पालन करेगा और इसमें छवियां, मूल लेआउट और बहुत कुछ शामिल होगा। सही ढंग से क्रियान्वित होने पर, एक मॉकअप को विकास टीम को एक झलक देनी चाहिए कि ऐप को कैसे दिखना और संचालित करना चाहिए।
     
    मॉकअप के फायदों में शामिल हैं:
     
    विकास दल को ऐप के स्वरूप को संशोधित करने की अनुमति देता है।
    यदि आप संभावित निवेशकों की तलाश कर रहे हैं, तो विकास दल कोडिंग शुरू करने से पहले यह उन्हें दिखाता है।
    विकास टीम के लिए अपेक्षाओं की व्याख्या करता है।
     
    5. शानदार ऐप सुरक्षा की योजना बनाएं
    ऐप्स बनाने का यह अगला चरण उन सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक है जो आपके ऐप में हो सकती हैं: सुरक्षा। 
    साइबर अपराधियों को उपयोगकर्ता डेटा चोरी करने से रोकना सर्वोपरि है। ऐप के एक भी उल्लंघन से आपकी कंपनी को उपयोगकर्ताओं की हानि और संभावित रूप से लाखों डॉलर का नुकसान हो सकता है।
     
    निम्न के माध्यम से सुनिश्चित करें कि मोबाइल ऐप और मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म दोनों सुरक्षित हैं:
     
    एन्क्रिप्ट किया गया डेटा: आपके ऐप के सॉफ़्टवेयर में फैले संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा के उचित एन्क्रिप्शन का उपयोग करना एक अच्छा विचार है। उचित सुरक्षा कदमों में स्थानीय डेटाबेस, कैश या एपीआई संचार का एन्क्रिप्शन शामिल है।
     
    अधिकृत एपीआई: एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (एपीआई) प्रोग्रामिंग विकास के बैकएंड का एक अनिवार्य हिस्सा हैं। सुनिश्चित करें कि आप अपने एप्लिकेशन के लिए जिन API का उपयोग करते हैं, वे उस प्लेटफ़ॉर्म के सत्यापन मानकों को पूरा करते हैं जिस पर आपका ऐप चालू है।
     
    मजबूत प्रमाणीकरण: सुनिश्चित करें कि ऐप सही क्रिप्टोग्राफ़िक कुंजी प्रबंधन और उपयुक्त उपयोगकर्ता सत्र प्राधिकरण-या टोकन को नियोजित करता है। टोकन अक्सर प्रत्येक डिवाइस को असाइन किए जाते हैं और सत्रों के लिए अलग-अलग समाप्ति समय होते हैं।
     
    टैम्पर-डिटेक्शन सॉफ़्टवेयर: हैकर्स को उनके ट्रैक में रोकने के लिए, मोबाइल-विशिष्ट सुरक्षा सुविधाओं जैसे टैम्पर-डिटेक्शन सॉफ़्टवेयर और अन्य तृतीय-पक्ष सॉफ़्टवेयर को शामिल करने पर विचार करें। उदाहरण के लिए, इंटरप्रोसेस कम्युनिकेशन (IPC) एक सुरक्षा उपाय है जो अन्य ऐप्स और सिस्टम के बीच संचार को सक्षम बनाता है। कई अन्य Apple- और Android-विशिष्ट सॉफ़्टवेयर और अन्य UI सुरक्षा सुविधाएँ हैं जो छेड़छाड़-रोधी रणनीति में मदद कर सकती हैं।
     
    संभावित उल्लंघनों के लिए लगातार परीक्षण: सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उल्लंघनों के लिए लगातार परीक्षण करना सुनिश्चित करें। संपूर्ण विकास प्रक्रिया के दौरान, अपने कोड की लगातार समीक्षा करें। ऐप के लाइव होने पर हैकर द्वारा किए जाने से पहले संभावित सुरक्षा खामियों की पहचान करें।
     
    6. कोडिंग शुरू करें
    जब आप कोडिंग शुरू करते हैं तो विचार करने के लिए कुछ घटक होते हैं। सबसे पहले, कोड के लिए फ्रंट एंड बैक एंड दोनों हैं। फ्रंट-एंड डेवलपमेंट ऐप के "फेस" को संदर्भित करता है - जो एंड-यूज़र देखेगा। बैक-एंड डेवलपमेंट "पर्दे के पीछे" कोड के बारे में है, जो यह बताता है कि ऐप कैसे काम करता है।
     
    मान लीजिए कि आप कई डेवलपर्स की एक टीम का समन्वय कर रहे हैं (उदाहरण के लिए, कुछ फ्रंट एंड पर काम कर रहे हैं और अन्य बैक एंड पर)। आप एक सामंजस्यपूर्ण अंत उत्पाद सुनिश्चित करने के लिए कार्य प्रक्रियाओं का समन्वय करना चाहेंगे। कुशल, अनुकूलनीय और लचीली कोडिंग की अनुमति देते हुए परियोजना प्रबंधन की चुस्त पद्धति का उपयोग करना उपयोगी हो सकता है।
     
    इसके अलावा, एक परीक्षण वातावरण में अपनी टीम का कोड रखें। एक सफल अंतिम ऐप सुनिश्चित करने के लिए सॉफ़्टवेयर के निष्पादन की जाँच करने के लिए एक उपयुक्त परीक्षण वातावरण स्थापित करना महत्वपूर्ण है। टेस्ट पर्यावरण के विचारों में डेटाबेस सर्वर, फ्रंट-एंड पर्यावरण, ऑपरेटिंग सिस्टम और नेटवर्क शामिल हैं। सटीक और विस्तृत परीक्षण डेटा सुनिश्चित करने के लिए आप एक बग रिपोर्टिंग टूल भी नामित कर सकते हैं।
     
    7. कई परीक्षण करें
    हालाँकि जब परियोजना तंग बजट पर होती है तो कठोर परीक्षण को छोड़ना आकर्षक होता है, गुणवत्ता आश्वासन (QA) एक सफल ऐप विकसित करने में महत्वपूर्ण टुकड़ों में से एक है। चूंकि ऐप डेवलपमेंट इतना प्रतिस्पर्धी है, संपूर्ण विकास प्रक्रिया के दौरान QA करना महत्वपूर्ण है। इस तरह, आपकी टीम किसी भी बग की पहचान कर सकती है और ग्राहकों के लिए लाइव होने से पहले ऐप में तुरंत सुधार कर सकती है।
     
    परीक्षण करते समय QA टीम को जिन बातों पर विचार करना चाहिए उनमें शामिल हैं:
     
    फ़्रंट-एंड बनाम बैक-एंड कार्यक्षमता: फ़्रंट-एंड के लिए, क्या मोबाइल ऐप ऐसा दिखता है जैसे कि यह उपयोगकर्ता की ओर से माना जाता है? बैक एंड के लिए, क्या ऐप काम करता है जैसा कि माना जाता है? उदाहरण के लिए, यदि उपयोगकर्ता द्वारा उस पर क्लिक करने पर पॉप-अप संदेश गायब हो जाता है, तो क्या ऐसा होता है? क्या इसे क्लिक करने के लिए छोटा "X" ठीक से प्रदर्शित होता है?
    डिवाइस अनुकूलता: ऐप को किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम (आईओएस बनाम एंड्रॉइड, या दोनों) के लिए परीक्षण की आवश्यकता है। इसके अलावा, QA टीम को ऑपरेटिंग सिस्टम के विभिन्न संस्करणों (जैसे, Android 7.0 बनाम Android 10.0) के साथ संगतता की पुष्टि करनी चाहिए। डिवाइस-विशिष्ट विचार भी हैं, जैसे कि ऐप डिस्प्ले स्क्रीन आकार में फिट बैठता है या नहीं।
    ऐप एकीकरण: यदि ऐप के मुख्य कार्य में अन्य सुविधाओं, जैसे फ़ोन का कैमरा या Google मानचित्र जैसे अन्य ऐप के साथ सहभागिता है, तो क्या यह एकीकरण कार्यात्मक है?
    एप्लिकेशन प्रकार: यदि ऐप का उद्देश्य मोबाइल और वेब ऐप (इसे "हाइब्रिड" ऐप बनाना) दोनों के रूप में काम करना है, तो इसे दोनों प्लेटफॉर्म पर कार्यक्षमता की पूरी श्रृंखला के लिए परीक्षण करने की आवश्यकता है।
    स्थापना और भंडारण: क्या ऐप इच्छित डिवाइस और ऑपरेटिंग सिस्टम पर सही तरीके से डाउनलोड होता है? साथ ही ऐप के साइज पर भी नजर रखें। एक अत्यधिक बड़ा ऐप अंतिम उपयोगकर्ता के फोन पर बहुत अधिक जगह लेगा और उन्हें ऐप डाउनलोड करने से रोक सकता है।
    सुरक्षा अनुकूलन: मोबाइल ऐप सुरक्षा एक गर्म विषय है। सुरक्षित स्रोत कोड सुनिश्चित करके, पैठ परीक्षण करके और इनपुट सत्यापन करके सुरक्षा की जाँच करें। HTTPS और SSL/TLS सुरक्षा परतों के कार्यान्वयन की पुष्टि करने जैसे अतिरिक्त कदमों की भी सलाह दी जाती है।
    कुल मिलाकर, क्यूए कदम टीमों को यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि ऐप बाजार में प्रवेश करने के लिए तैयार है।
     
    8. उपयोगकर्ता फ़ीडबैक एकत्र करें और कार्यान्वित करें
    कठोर परीक्षण के बाद, ऐप को लॉन्च करने से पहले ऐप को परीक्षण समूह उपयोगकर्ता द्वारा निरीक्षण पास करना चाहिए। हालांकि विकास टीम के पास ग्राहकों की जरूरतों पर आधारित विशेषताएं होनी चाहिए, किसी ऐसे व्यक्ति के होने से जो ऐप को नहीं जानता है, यह सुनिश्चित करने के लिए अमूल्य उपयोगकर्ता प्रतिक्रिया प्रदान करने में मदद कर सकता है कि यह विभिन्न अनुभव स्तरों वाले कई उपयोगकर्ताओं के लिए तैयार है।
     
    विभिन्न उपयोगकर्ताओं के साथ ऐप का परीक्षण करने से आपकी विकास टीम को इस बात की बेहतर समझ मिलनी चाहिए कि वे क्या चाहते हैं और यदि ऐप अपेक्षाओं से मेल खा रहा है। ऐप के लाइव होने से पहले उपयोगकर्ताओं के एक विविध समूह को बेहतर ढंग से फिट करने के लिए टीम को प्रमुख विशेषताओं को समायोजित करने में मदद करनी चाहिए।
     
    ऐप लाइव होने के बाद, प्रतिक्रिया प्राप्त करना जारी रखना एक अच्छा विचार है ताकि आप आवश्यकतानुसार आवश्यक अपडेट और समायोजन कर सकें। ऐप के लॉन्च के बाद आप एनालिटिक्स को देखकर प्रतिक्रिया प्राप्त कर सकते हैं। यह आपकी विकास टीम को ग्राहक व्यवहार को समझने और संशोधन के लिए भ्रमित करने वाले क्षेत्रों की पहचान करने में मदद कर सकता है। इस तरह की अंतर्दृष्टि से टीम को बाजार में लॉन्च से पहले एप्लिकेशन में समायोजन करने में भी मदद मिल सकती है।
    9. ऐप स्टोर में लॉन्च करें
    अंत में ऐप स्टोर पर प्रकाशन आता है। आपके ऐप को जिन विनियमों का पालन करने की आवश्यकता है, वे ऐप स्टोर पर बहुत हद तक निर्भर करते हैं जहाँ आप आवेदन कर रहे हैं। अलग-अलग ऐप स्टोर में उन्हें सबमिट किए गए ऐप के लिए अलग-अलग ज़रूरतें होती हैं।
     
    डेवलपर केवल अपने ऐप को Google Play Store या Apple ऐप स्टोर पर रिलीज़ करने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। एक ही प्लेटफॉर्म पर फोकस करने से ऐप डेवलपमेंट प्रोसेस आसान हो सकता है क्योंकि आपकी टीम को केवल एक ऐप डेवलप करने की जरूरत है।
     
    दूसरी ओर, केवल Google Play या Apple के लिए ऐप विकसित करना आपकी पहुंच को सीमित कर सकता है। दोनों ऐप स्टोर में कमियां हैं; हालाँकि, एक क्रॉस-प्लेटफ़ॉर्म ऐप विकसित करना अच्छी दृश्यता और अधिक उपयोगकर्ताओं के लिए क्षमता सुनिश्चित करता है।
     

    मोबाइल ऐप विकास के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

    मोबाइल ऐप बनाने में कितना खर्च होता है?
    आपका नया ऐप बनाने की लागत कई कारकों पर निर्भर करेगी, जिसमें आपकी टीम का आकार, उपयोग किए गए संसाधन और ऐप के विकास की अन्य ऊपरी लागतें शामिल हैं। आउटसोर्सिंग ऐप डेवलपमेंट में आमतौर पर ऐप को इन-हाउस विकसित करने की तुलना में अधिक खर्च होता है।
     
    मोबाइल ऐप बनाने में कितना समय लगता है?
    छोटे आकार के मोबाइल ऐप को विकसित करने में औसतन एक से दो महीने का समय लगता है। ऐप का डिज़ाइन जितना बड़ा और जटिल होगा, उसमें उतना ही अधिक समय लगेगा। ऐप डेवलपर तीन से छह महीने में कहीं भी बड़े, अधिक जटिल मोबाइल ऐप की उम्मीद कर सकते हैं।
     
    क्या आप किसी मोबाइल ऐप के लॉन्च होने के बाद उसमें बदलाव कर सकते हैं?
    हां, आप सॉफ़्टवेयर में मामूली बग को ठीक करने के लिए अपडेट शामिल कर सकते हैं और किसी भी ऐप की कार्यप्रणाली में सुधार कर सकते हैं जो आपके ऐप के लॉन्च के बाद से पुरानी हो सकती है।
     
    क्या आप मोबाइल ऐप के माध्यम से भुगतान प्राप्त कर सकते हैं?
    आप ऐप के माध्यम से भुगतान प्राप्त कर सकते हैं और उपयोगकर्ताओं को ऐप खरीदारी करने में सक्षम बना सकते हैं। यदि आपने पहले ही ऐप विकसित कर लिया है, तो सॉफ़्टवेयर में मोबाइल भुगतान कार्यक्षमता जोड़ने पर विचार करें।
     
    मोबाइल ऐप विकास के पुरस्कारों को प्राप्त करें
    ऐप विकसित करना न केवल फायदेमंद है बल्कि अविश्वसनीय रूप से आकर्षक भी हो सकता है। इन नौ चरणों का पालन करने से आपको एक सफल ऐप विकसित करने और प्रकाशित करने में मदद मिल सकती है।
     
     
     

    Android Studio:

    Android Studio, Google के Android ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए आधिकारिक  एकीकृत विकास वातावरण (IDE) है, जिसे JetBrains के IntelliJ IDEA सॉफ़्टवेयर पर बनाया गया है और विशेष रूप से Android विकास के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह विंडोज, मैकओएस और लिनक्स आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। यह देशी एंड्रॉइड एप्लिकेशन डेवलपमेंट के लिए प्राथमिक आईडीई के रूप में एक्लिप्स एंड्रॉइड डेवलपमेंट टूल्स (ई-एडीटी) के लिए एक प्रतिस्थापन है।
     
    Android Studio की घोषणा 16 मई, 2013 को Google I/O सम्मेलन में की गई थी। यह मई 2013 में संस्करण 0.1 से प्रारंभिक पहुंच पूर्वावलोकन चरण में था, फिर संस्करण 0.8 से शुरू होने वाले बीटा चरण में प्रवेश किया जो जून 2014 में जारी किया गया था। पहला स्थिर निर्माण दिसंबर 2014 में संस्करण 1.0 से शुरू करके जारी किया गया था।  2015 के अंत में, Google ने ग्रहण ADT के लिए समर्थन छोड़ दिया, Android स्टूडियो को Android विकास के लिए आधिकारिक रूप से समर्थित IDE बना दिया।
     
    7 मई, 2019 को, कोटलिन ने Android ऐप विकास के लिए Google की पसंदीदा भाषा के रूप में Java की जगह ले ली।  जावा अभी भी समर्थित है, जैसा कि C++ है।
     
    विशेषताएँ
    वर्तमान स्थिर संस्करण में निम्नलिखित विशेषताएं प्रदान की गई हैं: 
     
    ग्रेडल-आधारित बिल्ड समर्थन
    एंड्रॉइड-विशिष्ट रीफैक्टरिंग और त्वरित सुधार
    लिंट उपकरण प्रदर्शन, उपयोगिता, संस्करण संगतता और अन्य समस्याओं को पकड़ने के लिए
    ProGuard एकीकरण और ऐप-हस्ताक्षर क्षमताएं
    सामान्य Android डिज़ाइन और घटक बनाने के लिए टेम्प्लेट-आधारित विज़ार्ड
    एक समृद्ध लेआउट संपादक जो उपयोगकर्ताओं को यूआई घटकों को ड्रैग-एंड-ड्रॉप करने की अनुमति देता है, एकाधिक स्क्रीन कॉन्फ़िगरेशन पर लेआउट का पूर्वावलोकन करने का विकल्प 
    Android Wear ऐप्स बनाने के लिए समर्थन
    Google क्लाउड प्लेटफ़ॉर्म के लिए अंतर्निहित समर्थन, फायरबेस क्लाउड मैसेजिंग (पहले 'Google क्लाउड मैसेजिंग') और Google ऐप इंजन के साथ एकीकरण को सक्षम करता है।
    Android स्टूडियो में ऐप्स चलाने और डिबग करने के लिए Android वर्चुअल डिवाइस (एमुलेटर)।
    Android Studio IntelliJ (और CLion) की सभी समान प्रोग्रामिंग भाषाओं का समर्थन करता है उदा। Java, C++, और अधिक एक्सटेंशन के साथ, जैसे कि Go;और Android Studio 3.0 या बाद में कोटलिन और "सभी Java 7 भाषा सुविधाएँ और Java 8 भाषा सुविधाओं का एक सबसेट जो प्लेटफ़ॉर्म संस्करण के अनुसार अलग-अलग हैं।" बाहरी परियोजनाएं जावा 9 की कुछ विशेषताओं का बैकपोर्ट करती हैं। जबकि IntelliJ बताता है कि एंड्रॉइड स्टूडियो सभी जारी किए गए जावा संस्करणों और जावा 12 का समर्थन करता है, यह स्पष्ट नहीं है कि एंड्रॉइड स्टूडियो जावा 12 तक जावा संस्करणों का समर्थन किस स्तर पर करता है (दस्तावेज़ीकरण आंशिक जावा 8 समर्थन का उल्लेख करता है)। जावा 12 तक कम से कम कुछ नई भाषा सुविधाएँ Android में प्रयोग करने योग्य हैं। 
     
    एक बार किसी ऐप को Android Studio के साथ संकलित कर लेने के बाद, इसे Google Play Store पर प्रकाशित किया जा सकता है। एप्लिकेशन को Google Play Store डेवलपर सामग्री नीति के अनुरूप होना चाहिए
     
    संस्करण इतिहास-
     
    एंड्रॉइड स्टूडियो की प्रमुख रिलीज़ की सूची निम्नलिखित है: 
     
    संस्करण रिलीज की तारीख-
    1.0              दिसंबर 2014
    1.1              फरवरी 2015
    1.2              अप्रैल 2015
    1.3              जुलाई 2015
    1.4              सितंबर 2015
    1.5              नवंबर 2015
    2.0              अप्रैल 2016
    2.1              अप्रैल 2016
    2.2              सितंबर 2016
    2.3              मार्च 2017
    3.0              अक्टूबर 2017
    3.1              मार्च 2018
    3.2              सितंबर 2018
    3.3              जनवरी 2019
    3.4              अप्रैल 2019 
    3.5              अगस्त 2019
    3.6              फरवरी 2020
    4.0              मई 2020
    4.1              अक्टूबर 2020 
    4.2              मई 2021
    आर्कटिक फॉक्स (2020.3.1)              जुलाई 2021 
    भौंरा (2021.1.1)                              जनवरी 2022 
    चिपमंक (2021.2.1)                          मई 2022
    डॉल्फिन (2021.3.1)                          सितंबर 2022
    इलेक्ट्रिक ईल (2022.1.1)                   जनवरी 2023 
    फ्लेमिंगो (2022.2.1)                           टीबीडी
    जिराफ (2022.3.1)                             टीबीडी
     

    सिस्टम आवश्यकताएं-

    एंड्रॉइड स्टूडियो के लिए बुनियादी सिस्टम आवश्यकताएँ 
     
    माइक्रोसॉफ्ट विंडोज :
    ऑपरेटिंग सिस्टम संस्करण Microsoft Windows 8/10 (64-बिट) 
     
    मैकओएस लिनक्स:
    macOS 10.14 Mojave या नया कोई भी 
     
    Linux:
     
    64-बिट Linux वितरण जो GNOME, KDE, या यूनिटी का समर्थन करता है; GNU C लाइब्रेरी (glibc) 2.31 या बाद का
     
     
    आवश्यक रैम                       :   8 जीबी या अधिक
    फ्री स्पेस                                8 जीबी उपलब्ध डिस्क स्पेस न्यूनतम
    न्यूनतम स्क्रीन रिज़ॉल्यूशन   : 1280 x 800 न्यूनतम स्क्रीन रिज़ॉल्यूशन
     
     
    इन सुविधाओं में IDE + Android SDK + Android Emulator की आवश्यकताएं शामिल हैं। 
     
    1. विंडोज: x86_64 सीपीयू आर्किटेक्चर; विंडोज हाइपरवाइजर के समर्थन के साथ दूसरी पीढ़ी का इंटेल कोर या नया, या एएमडी सीपीयू;
     
    2. macOS: ARM-आधारित चिप्स, या दूसरी पीढ़ी का Intel Core या इसके बाद का संस्करण Hypervisor.Framework के समर्थन के साथ;
     
    3. लिनक्स: x86_64 सीपीयू आर्किटेक्चर; दूसरी पीढ़ी का इंटेल कोर या नया, या AMD वर्चुअलाइजेशन (AMD-V) और SSSE3 के समर्थन के साथ AMD प्रोसेसर;
     
    4. विंडोज: यूजी (अप्रतिबंधित अतिथि) समर्थन के साथ सीपीयू;
     
    5. इंटेल हार्डवेयर त्वरित निष्पादन प्रबंधक (HAXM) 6.2.1 या बाद में (HAXM 7.2.0 या बाद में अनुशंसित)।
     

    विंडोज और लिनक्स पर हार्डवेयर त्वरण के उपयोग की अतिरिक्त आवश्यकताएं हैं:

     
    1. विंडोज़ या लिनक्स पर इंटेल प्रोसेसर: इंटेल वीटी-एक्स, इंटेल ईएम64टी (इंटेल 64) और एक्ज़ीक्यूट डिसएबल (एक्सडी) बिट कार्यक्षमता के समर्थन के साथ इंटेल प्रोसेसर;
     
    2. Linux पर AMD प्रोसेसर: AMD वर्चुअलाइजेशन (AMD-V) और पूरक स्ट्रीमिंग SIMD एक्सटेंशन 3 (SSSE3) के समर्थन के साथ AMD प्रोसेसर;
     
    3. Windows पर AMD प्रोसेसर: Windows Hypervisor Platform (WHPX) कार्यक्षमता के लिए Android Studio 3.2 या उच्चतर और Windows 10 अप्रैल 2018 रिलीज़ या उच्चतर।
     
    एंड्रॉइड 8.1 (एपीआई स्तर 27) और उच्चतर सिस्टम छवियों के साथ काम करने के लिए संलग्न वेबकैम के लिए, इसमें 720p फ़्रेमों को कैप्चर करने की क्षमता होनी चाहिए।