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सोमवार, 23 मार्च 2020

कंप्यूटर के प्रकार (Types of computer)

 कंप्यूटर के प्रकार (Types of computer)

कंप्यूटर का विभाजन दो प्रकार से किया जा सकता है।
(There are two types classification of computer.)

  1.  कार्य क्षमता अथवा टेक्नोलॉजी के आधार पर (According to Technology)
  2. आकार के आधार पर। (According to Size capacity)
कार्य क्षमता के आधार पर कंप्यूटर को तीन भागों में विभाजित किया गया है। (There are three types of computer According to Technology.)

  1. एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer)
  2. डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer)
  3. हाइब्रिड कम्प्यूटर (Highbridge Computer)
आइए अब विस्तार से समझते हैं-

  1. एनालॉग कम्प्यूटर (Analog Computer) : एनालॉग कंप्यूटर वह कंप्यूटर है, जिसका उपयोग अलग-अलग डेटा को लगातार प्रोसेस करने के लिए किया जाता है। हम जो कुछ भी देखते और सुनते हैं वह लगातार बदलता रहता है। 
    उदाहरण: एनालॉग कंप्यूटर के निम्नलिखित उदाहरण हैं- तापमानमापी, दबाव मापी, टेलीफोन लाइनों, स्पीडोमीटर, संधारित्र के प्रतिरोध, सिग्नल और वोल्टेज की आवृत्ति मापी, दूध की फैट निकालने वाली मशीन, डाक्टरों की बीप नापने की मशीन आदि।
  2. डिजिटल कम्प्यूटर (Digital Computer): डिजिटल कंप्यूटर वह कंप्यूटर होते हैं जिनमें संख्याओं की गणना की जाती है ऐसे कंप्यूटर अंकों का डाटा ले करके उनकी गणना एकदम सटीक तरीके से करते हैं यह अधिक विश्वसनीय होते हैं क्या दशमलव संख्याओं का भी आकलन कर सकते हैं इनकी उपयोगिता एनालॉग कंप्यूटर की अपेक्षा अधिक होती है। उदाहरण के लिए मोबाइल फोन, लैपटॉप, डेस्कटॉप आदि इसी के उदाहरण हैं।                                                                                                                                  
    ध्यान दीजिए:         ENIAC, पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक न्यूमेरिकल इंटीग्रेटर और कंप्यूटर में, प्रथम प्रोग्रामेबल सामान्य-उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल कंप्यूटर, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान संयुक्त राज्य अमेरिका में बनाया गया था। संयुक्त राज्य अमेरिका में, युद्ध के दौरान सरकारी फंडिंग जॉन मौली, जे। प्रेस्पर एकर्ट, जूनियर के नेतृत्व वाली एक परियोजना में गई, और पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के मूर स्कूल ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में उनके सहयोगियों; उनका उद्देश्य एक ऑल-इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर था। सेना के अनुबंध के तहत और हरमन गोल्डस्टाइन के निर्देशन में, ENIAC पर 1943 की शुरुआत में काम शुरू हुआ। अगले वर्ष, गणितज्ञ जॉन वॉन न्यूमैन - पहले से ही पूर्णकालिक अध्ययन पर संस्थान से प्रिंसटन, एनजे में प्रिंसटन, इंस्टीट्यूट फॉर एडवांस्ड स्टडीज (आईएएस) से जुड़े हुए हैं, (मैनहट्टन प्रोजेक्ट सहित) समूह के साथ लगातार परामर्श।
  3. हाइब्रिड कम्प्यूटर (Highbridge Computer) : ऐसे कंप्यूटर जो एनालॉग और डिजिटल दोनों तरह के कंप्यूटर की क्षमताओं से युक्त होते हैं, उन्हें सुपर कंप्यूटर्स या हाइब्रिड कम्प्यूटर कहा जाता है। सुपर कंप्यूटर का निर्माण एनालॉग और डिजिटल दोनों कंप्यूटर की खामियों को दूर करने के लिए किया गया। इस तरह हाइब्रिड कंप्यूटर के निर्माण से एक ही कंप्यूटर से डिजिटल और एनालॉग दोनों की सुविधाएं प्राप्त हो जाती हैं।

    हाइब्रिड कंप्यूटर मुश्किल से मुश्किल कैलकुलेशन को भी चुटकियों में आसानी से कर देता है। यह हाइब्रिड कंप्यूटर के साथ में बने एनालॉग सिस्टम के कारण संभव हो पाता है। समीकरणों को चुटकियों में हल करने की डिजिटल कंप्यूटर की क्षमता भी हाइब्रिड कंप्यूटर में आ जाती है।

    हाइब्रिड कंप्यूटर का उपयोग उन जगहों पर सबसे ज्यादा किया जाता है, जहां काफी मात्रा में समीकरण हल किये जाने की जरूरत होती है। वहीं, पूरी तरह से एनालॉग कंप्यूटर सिस्टम समीकरण का हल तो तुरंत कर देते हैं, पर यह जरूरी नहीं है कि वो हल पूरी तरह से सही हों। डिजिटल कंप्यूटर सिस्टम 100 प्रतिशत सही हल तो दे देता है, पर यह कैलकुलेशन में काफी वक्त लगाता है। हाइब्रिड कंप्यूटर इन दोनों सिस्टम की खामियों को पूरी तरह से दूर करने में कामयाब रहा। साथ ही हाइब्रिड सिस्टम द्वारा दिए गए हल कहीं ज्यादा विस्तृत और उपयोगी साबित होते हैं।


✔ आकार के आधार पर कम्प्यूटर को चार भागों में बांटा गया है। ( There are four types of computer According to size capacity.)


  1. माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer)
  2. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer)
  3. मेन फ्रेम कम्प्यूटर (Main Frame Computer)
  4. सुपर कम्प्यूटर (Super Computer)


आइए अब विस्तार से समझते हैं-
  1. माइक्रो कम्प्यूटर (Micro Computer) : ऐसे कंप्यूटर जिसमें माइक्रोप्रोसेसर का प्रयोग किया जाता है, माइक्रो कंप्यूटर कहलाते हैं यह आकार में बहुत छोटे होते हैं। इस कंप्यूटर पर  एक व्यक्ति एक समय में कार्य कर सकता है।इनके कई प्रकार बाजार में उपलब्ध हैं। जैसे लैपटॉप, डेस्कटॉप, पाम टॉप आदि।
  2. मिनी कम्प्यूटर (Mini Computer) : यह आकार में माइक्रो कंप्यूटर से कुछ बड़े होते हैं इनकी कार्यक्षमता माइक्रो कंप्यूटर की अपेक्षा अधिक होती है इसमें एक साथ कई यूजर कार्य कर सकते हैं उदाहरण के लिए किसी कंपनी या संस्था में बनाया गया सर्वर जिससे कई कम्प्यूटर आपस में जुडे हो सकते हैं आदि।
  3. मेन फ्रेम कम्प्यूटर ( Main frame Computer) : यह मिनी कंप्यूटर से भी आकार में बड़े होते हैं इनकी गति मिनी कंप्यूटर और माइक्रो कंप्यूटर से अधिक परंतु सुपर कंप्यूटर से कम होती है। यह लगातार चौबीसों घंटे बिना रुके बिना थके कार्य कर सकते हैं। इनका उपयोग अनुसंधान में बड़ी-बड़ी कंपनियों में किया जाता है। इन कंप्यूटर पर लगभग एक साथ 10 लोग कार्य कर सकते हैं इनकी स्पीड मिनी कंप्यूटर से अधिक होती है।
  4. सुपर कम्प्यूटर (Super Computer) : सुपर कंप्यूटर आकृति में सबसे बड़े कंप्यूटर होते हैं। इनकी बनावट एक कमरे के समान हो सकती है। इनकी गति दुनिया के सबसे तेज गति के कंप्यूटरों में की जाती है। यह 1 सेकंड में मिलियन शतरंज की चालें सोच सकता है। इनका उपयोग अनुसंधान में वैज्ञानिकों द्वारा तीव्र गति की गणनाओं को करने के लिए किया जाता है। इन पर एक साथ 100 से अधिक लोग भी कार्य कर सकते हैं। यह भी बिना रुके 24 घंटे कार्य करने में सक्षम होते हैं। 
 भारत का पहला सुपर कंप्यूटर परम 10,000 है।

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